शनि के प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि का प्रभाव प्रत्येक राशि में अलग-अलग फल देता है। कुछ राशि के व्यक्तियों को तो साढ़ेसाती के शुरू होने से पहले ही कुछ संकेत मिलने लगते हैं दूसरी ओर कुछ लोगों को शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव देर से देखने को मिलता है और शनि की साढ़ेसाती समाप्त होने के कुछ समय बाद तक इसका प्रभाव दिखाई देता है। शनि की साढ़ेसाती में व्यक्ति के पैरों पर और बुद्धि पर भी प्रभाव देखने को मिलता है।शनि की साढ़ेसाती क्यों होती है।
शनि की साढ़ेसाती का मकसद व्यक्ति को जीवन के ज्ञान का बोध कराने का होता है यह तीन चरणों में होती है। प्रत्येक चरण लगभग 2 वर्ष 6 माह का होता है। पहले चरण के कारण व्यक्ति को मानसिक तौर पर दिक्कत हो सकती है। दूसरे चरण में आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है परंतु शनि के तीसरे चरण तक आते-आते वह व्यक्ति को जीवन की सच्चाई से अवगत करा देते हैं और व्यक्ति का जो भी नुकसान हुआ हो उसकी भरपाई भी उस व्यक्ति के कर्मों के अनुसार करा देते हैं।शनि साढ़ेसाती के लक्षण
व्यक्ति के जीवन में कुछ विशेष प्रकार की घटनाएं घटित होती हैं इस दौरान असामान्य तरह से होने वाले कार्य आभास करा देते हैं कि शनि की साढ़ेसाती है या शुरू होने वाली है।शनि की साढ़ेसाती में शांति हेतु उपाय
वेदों में कई तरह से शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए उपाय बताए गए हैं। जब भी किसी के जीवन में शनि की साढ़ेसाती महादशा या ढैया प्रारंभ हो तो कई प्रकार के वैदिक उपायों के द्वारा शनिदेव को शांत करके अच्छे फलों की प्राप्ति की जा सकती है। अथवा किसी भी प्रकार की दुर्घटना या दुर्योग से बचा जा सकता है।हर एक ग्रह का चलने का अपना एक समय होता है जैसे मान लेते हैं पृथ्वी यह 365 दिन में अपना एक चक्कर पूरा करती है उसी प्रकार शनि ग्रह इस काम को लगभग 29 साल में पूरा करते हैं। क्योंकि शनि देव बहुत धीमी गति से चलते हैं और सूर्य से काफी दूर हैं इसलिए ज्यादातर देखा जाता है कि जब शनि की साढ़ेसाती महादशा या ढैया व्यक्ति के जीवन में चलती है तो उसके कार्य बहुत धीमी गति से बनते हैं। इस समय में व्यक्ति के दिमाग पर भी असर होता है वह जो भी काम करता है उसका मन होता है कि वह उस कार्य को बदल दे। कभी-कभी यह भी देखा गया है की पेट से संबंधित परेशानियां भी देखने को मिलती हैं।
क्या शनि की साढ़ेसाती सबके लिए खराब होती है
शनि की साढ़ेसाती सबके लिए खराब नहीं होती है शनि सबके लिए खराब नहीं होते क्योंकि हर व्यक्ति के कर्म अलग-अलग होते हैं यदि अच्छे कर्म हो तो शनि देव कुंडली में अच्छा प्रभाव भी देते हैं क्योंकि वह व्यक्ति को उसके कर्मों का फल देने के लिए बाध्य है।शनि किस घर के स्वामी हो या बैठे हो तो अच्छा फल देते हैं।
यदि शनि पहले घर दूसरा घर या ग्यारहवें घर में बैठे हो तो बहुत शुभ फल देते हैं कई लोग ऐसे होते हैं जिनको शनि की साढ़ेसाती बना कर चली जाती हैशनि की साढ़ेसाती में क्या करना चाहिए
शनि की साढ़ेसाती में व्यक्ति को पूजा पाठ भगवान विष्णु का ध्यान, मेडिटेशन ,किसी जरूरतमंद की मदद और उपाय के तौर पर शनिवार को चीटियों को आटा डालना चाहिए इससे शनिदेव का शुभ फल प्राप्त होने में सहायता मिलती है।शनि ग्रह के उपाय
1 .शनिवार वाले दिन लोहे की चीजों का त्याग करे|2 .शनिवार को शनि मंदिर जाकर शनि चालीसा का पाठ करें और पीपल के नीचे दीपक भी जलाएं|
3 .शनिवार को लोहे की कढ़ाई में सरसों के तेल में काले चने बनाकर जरूरतमंद लोगों में बांटने से भी शनि देव प्रसन्न होते हैं|
4. गरीब लोगों की सहायता करने से या अपने से नीचे वर्ग के लोगों की मदद करने से भी शनि दोष में काफी राहत मिलती है|
5 .मंदिर जाकर शनिदेव की प्रतिमा के सामने झुक कर जाने अनजाने की गई गलतियों की क्षमा मांगनी चाहिए|
6. कौवे को भोजन कराना भी उत्तम माना जाता है|
7. कहा जाता है की शनिवार वाले दिन हनुमान चालीसा का पाठ करने से और लाल कपड़े पहनने से भी शनि का असर कम होता है|
8. इन सबके अलावा शनि देव के बीज मंत्र का जाप भी किया जा सकता है |
शनि देव के बीज मंत्र ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः